हे यरूशलेम! हे यरूशलेम! तें जौन आगमवकतन हां मार डालत आय, और जौन तोरे ऐंगर पठैए गए उन पे पथराव करत आय; कितेक बेर मैं ने चाहो, कि जैसे मुर्गी अपने बच्चन हां अपने पंख के नेंचें इकट्ठो करत आय, ऊं सई मैं तोरे बच्चन हां जोड़ लेओं, पर तुम ने जौ न चाहो।
मैं कमजोर मान्सन के लाने कमजोर बन गओ, कि कमजोर जन हां ऐंच लाओ, मैं सबरे मान्सन के लाने सबई कछु बनो आंव, कि कोऊ न कोऊ परकार से बिलात जनन कौ तरन तारन कराओं।