पर जो कोनऊं ऊ पानू में से पी है, जौन मैं ऊहां दै हों, बौ कभऊं प्यासो नईं हुईये, कायसे बो पानू ऐसो दैहों, ऊ में सदा लौ जीबे के लाने उमड़बे वालो पानू कौ सोता बन जै है।
परन्त सारीरिक मान्स परमेसुर की आत्मा की बातें नईं अपनात, कायसे बे बातें ऊ की समझ सें मूरखता की बातें आंय, और बो उन हां समज नईं सकत कायसे उनकी परख आत्मिक रूप से होत आय।
कायसे मेमना जो सिंहासन के बीच में आय, बो उनकी रखनवारी कर है; और उन हां जीवन के जल के झरने लौ ले जै है, और परमेसुर उन की आंखन से सबरे अंसुआ पोंछ डाल है।