20 जब बो जौ कह चुको तो ऊ ने अपने हाथ और पंजर दोई उनहां दिखाए, तब चेले प्रभु हां हेर के खुस भए।
और बे डर और भारी खुसी के संग्गै झट्टई कबर से लौटीं, और चेलन हां जौ सन्देस देबे के लाने गदबद दई।
मैं तुम से सांची सांची कैत आंव; कि तुम रो हौ और दुख मना हौ, परन्त संसार खुसी मना है, तुम दुखी हुईयो पर तुमाओ दुख खुसी में बदल जै है।
ई लाने तुम हां भी अबै तो दुख आय, पर मैं तुम से फिन मिल हों और तुमाए मन खुस हुईयें; और तुमाई खुसी हां कोई तुम से छिना नईं लै है।
परन्त सिपाहियन में से एक ने भाला से ऊ को पंजर छेदो और तुरतईं ऊ में से खून और पानू बहन लगो।
जब दूसरे चेले ऊसे कहन लगे हम ने प्रभु हां हेरो आय, तो थोमा ने उन से कई, जब लौ मैं ऊके हाथन में कीलन के निसान नईं तक लों, और कीलन के छेद में अपनी उंगरिया नईं डाल लों और ऊके पंजर में अपनो हाथ नईं डाल लों, तब लौ मैं भरोसा नईं कर हों।
तब ऊ ने थोमा से कई, अपनी उंगरिया इते ला और मोरे हाथन हां तक और अपनो हाथ बढ़ाके मोरे पंजर में डाल और संका नईं कर पर भरोसा कर।
जीवन दैबेवारो बचन जौन पेंला से आय, जी की बातें हम ने सुनी, और जीहां अपनी आंखन से तको, जीहां हम ने खुल के हेरो; और हाथन के छिओ।