जब ब्यारी के मुखिया ने बो पानू चीखो, जो दाखरस बन गओ हतो, ऊहां पता नईं हतो, कि किते से आओ आय (पर जिन चाकरन ने पानू काड़ो हतो, बे जानत हते) तब ब्यारी के मुखिया ने दूल्हे हां टेरो, और ऊसे कई।
ई लाने सबको हक्क चुकाओ, जीहां कर चानें, ऊहां कर देओ; जिए महसूल चानें, ऊहां महसूल देओ; जी से डरबो चईये, ऊसे डरो; जी कौ आदर सम्मान करो चईये ऊकौ आदर सम्मान करो।