16 परन्त पतरस बायरै द्वार पे ही ठांड़ो रहो, तब बो दूसरो चेला जौन महापुरोहित कौ चिनार को हतो, बाहर कड़ो, और द्वारपालिन से कहके, पतरस हां भीतर ले आओ।
पतरस आंगन में बायरें बैठो भओ हतो; कि एक चाकरनी ने ऊके ऐंगर आके कई, तें तो सोऊ गलील के यीशु के संग्गै हतो?
राज्यपाल की जा नीत हती, कि पर्व की बेरा कोऊ एक बन्दी हां जीहां लोग चाहत हते, छोड़ दओ करत हतो।
और पीलातुस ओई त्योहार में कौनऊं एक बंधुआ जीहां लोग चाहत हते, उन के लाने छोड़ दओ करत हतो।
तब सबरे मिल के चिल्या उठे, ईहां मारे जाबे कौ हुकम कर, और हमाए लाने बरअब्बा हां छोड़ दे।
जब ऊ ने फाटक के द्वारे हां खटखटाव, तब रूदे नाओं की चाकरनी खोलबे आई।