हे बाप, मोरी चाहना आय कि जिन हां तेंने मोय दओ आय, जिते मैं आंव, उते सोई मोरे संग्गै रएं कि बे मोरी ऊ महिमा हों तक सकें, जीहां तेंने मोय दई आय, कायसे तेंने संसार के जन्म से पेंला मोय से प्रेम करो।
पर जो कोनऊं ऊ पानू में से पी है, जौन मैं ऊहां दै हों, बौ कभऊं प्यासो नईं हुईये, कायसे बो पानू ऐसो दैहों, ऊ में सदा लौ जीबे के लाने उमड़बे वालो पानू कौ सोता बन जै है।
ऊ रोटी के लाने मेहनत नईं करो जौन नास हो जात आय, परन्त ऊ रोटी के लाने जौन अनन्त जीवन लौ बनी रहत आय, जीहां मान्स कौ पूत तुम हां दै है, कायसे बाप यानि परमेसुर ने ओई पे अपनी छाप लगाई आय।
कायसे हम हां पता आय, कि परमेसुर के बेटा ई धरती पै आ गए आंय, और उन ने हम हां ऐसी सीख दई आय, कि हम उन सांचे जनें को चीनें, और उनईं के संग्गै बने रैबें; बे सांचे परमेसुर आंय और उन में होकें बैकुण्ड वास मिलत आय।