25 जे बातें मैंने तुम से कनौत में क ईं आंय, परन्त बा घड़ी आ रई आय, जब मैं फिन तुम से कनौत में नईं कै हों, परन्त तुम हां बाप के बारे में साफ बता दै हों।
तको, बो घड़ी आ रई आय बल्कि आ पोंची कि तुम फैल फुट होकें अपने अपने घरन हां भग जै हौ, और मोय अकेलो छोड़ दै हौ, फिन भी मैं अकेलो नईं हुईयों कायसे बाप मोरे संग्गै आय।
और हम ने बुरय कामन हां छोड़ दओ आय, और बनके नईं चलत, और न परमेसुर के बचन में कछु मिलात आंय, अकेले सांची बातें उजागर करत आंय, और परमेसुर हां जानत भए सबरन के हिये पै अपनी बात बैठा देत आंय।