29 तब भीड़ के लोग जौन उते ठांड़े भय सुन रए हते, कहन लगे; कि बादल गरजो आय, औरन ने कई, सरगदूत ने ऊसे बतकाओ करो आय।
जौन मान्स ऊके संग्गै हते, बे चकित रै गए; कायसे बोल तो सुनत हते, पर कोऊहां तकत न हते।
और परमेसुर कौ मन्दर जो सरग में आय, बो खोलो गओ, और ऊके मन्दर में ऊ की वाचा को सन्दूक दिखाई दओ, और बिजली कड़कड़ान लगी और धरती डोलन लगी, और बड़े बड़े ओला गिरे।
और सरग से मोहां एक ऐसी आवाज आई, मानो जैसे पानू की बिलात धार हो और ऊके संग्गै गरजबे की आवाज ऐसी सुनी जैसे कोऊ वीणा बजात होबे।
फिन मैंने तको, कि मेमने ने उन सात मुहरन में से एक हां खोलो; और बे चारई जनावर में से एक गरजो और कई कि आ।
और सरगदूत ने धूपदानी में वेदी से आगी लई, और धरती पै डाल दई, और गरजन और बिजली कोंधी और धरती हिलन लगी।