जब यीशु बैतनिय्याह गांव में शिमौन नाओं एक कोढ़ी के घरै भोजन करबे बैठो हतो, तब एक बईयर संगमरमर के बासन में जटामांसी कौ बड़ौ कीमती शुद्ध इतर लेके आई; और बासन टोड़ के इतर ऊके मूंड़ पै उण्डेलो।
धन्न आंय बे चाकर, जिन हां उन कौ मालक आके जागत पाबे; मैं तुम से सांसी कैत आंव, कि बो कमर बान्ध के उन हां भोजन कराबे हां बैठा है, और ऐंगर आन के उन की सेवा कर है।
तब यीशु ने अपने नेवता देबेवारे से सोई कओ, जब तें दिन कौ या रात कौ भोज करे, तो अपने मित्र या भाईयन या कुटुम्बी जन हां या धनवान पड़ोसियन हां न बुला, कऊं ऐसो न होय, कि बे सोई तोय नेवता देबें, और तोरो बदला हो जाबे।
कायसे बड़ो को आय; बो जौन भोजन करबे बिराजो आय या बो जौन भोजन परोसबे की सेवा करत आय? का बो नईं जौन भोजन करबे बिराजो आय? पर मैं तुमाए मजारें चाकर घांई आंव।