1 फिन फसह के छै दिना पेंलई यीशु बैतनिय्याह में आओ, जिते लाजर हतो: जीहां यीशु ने मरे भयन में से जिलाओ हतो।
तब बो उन हां छोड़के नगर के बायरें बैतनिय्याह हां गओ, और उतईं रात बिताई।
और यीशु यरूशलेम नगर में पोंच के मन्दर में आओ, और चारऊ कोद सब चीजन हां तक के बारह चेलन के संग्गै बैतनिय्याह गांव गओ कायसे कि संजा हो गई हती।
तब बो उन हां बैतनिय्याह लौ बायरें ले गओ, और अपने हाथ उठा के उन हां आसीष दई।
और हेरौ, ऊ नगर की एक पापिनी दुराचारी बईयर जौ जान के कि बो फरीसी के घर में भोजन करबे हां बिराजो आय, संगमरमर के बरतन में इत्र लेके आई।
मरियम और ऊ की बहिन मरथा के गांव बैतनिय्याह कौ लाजर नाओं कौ एक मान्स बीमार हतो।
और जब बो जे बातें कह चुको, तो ऊ ने बिलात जोर से चिल्लाओ, कि हे लाजर कड़ आ।
जौन मर गओ हतो, बो कफन से हाथ गोड़े बंधो भओ कड़ आओ, और ऊ को मों अंगोछे से लिपटो भओ हतो: यीशु ने उन से कई, ऊके बंध खोल देओ और ऊहां जान देओ।
यहूदियन के फसह कौ परब ऐंगर हतो, और गांव के बिलात लोग फसह से पेंलई यरूशलेम हां गए, कि अपने आप हां शुद्ध करें।
दूसरे दिना परब में आई बड़ी भीड़ ने जब जा सुनी, कि यीशु यरूशलेम में आत आय।
जौन लोग परब में प्रार्थना करबे जा रए हते, उन में कछु यूनानी हते।
जब यहूदियन की बिलात भीड़ ने जानो, कि यीशु उतईं आय, तो बे यीशु के काजें नईं परन्त ई लाने भी आए कि लाजर हां तकें, जीहां ऊ ने मरे भयन में से जिलाओ हतो।