1 मरियम और ऊ की बहिन मरथा के गांव बैतनिय्याह कौ लाजर नाओं कौ एक मान्स बीमार हतो।
इन बातों के बाद कौनऊं ने यूसुफ सें कई, “सुन, तोरो बाप बीमार आय।” तब ऊ मनश्शे और एप्रैम नाओं अपने दोई मोंड़ों हों संगै लैकें ऊके लिगां चलो।
तब बो उन हां छोड़के नगर के बायरें बैतनिय्याह हां गओ, और उतईं रात बिताई।
जब यीशु और ऊके चेला यरूशलेम नगर के ऐंगर जैतून पहरवा पै बैतफगे और बैतनिय्याह गांव के ऐंगर आए, तो ऊ ने अपने चेलन में से दो हां जौ कह के भेजो।
ऐसो कै के पाछें, ऊ उन से कहन लगो, हमाओ संग्गी लाजर सो गओ आय, परन्त मैं ऊहां जगाबे जात आंव।
बैतनिय्याह तो यरूशलेम के ऐंगर कोऊ दो मील की दूरी पे हतो।
और बिलात यहूदी मरथा और मरियम के ऐंगर ऊके भईया मरे पे में सान्ति देबे आए हते।
ई लान ऊकी बहिनों ने ऊहां खबर पठैई, कि हे प्रभु, जीसे तें प्रेम धरत आय, बो बीमार आय।
लाजर हां कबर से बायरै टेरबे, और मरे भयन में से जिलाबे की बेरा, जौन भीड़ यीशु के संग्गै हती, बो ऊ की गवाही दे रई हती।
जब यहूदियन की बिलात भीड़ ने जानो, कि यीशु उतईं आय, तो बे यीशु के काजें नईं परन्त ई लाने भी आए कि लाजर हां तकें, जीहां ऊ ने मरे भयन में से जिलाओ हतो।
उनईं दिना बा रूगिया होकें मर गई; और उन ने ऊहां सपरा के अटारी में धर दओ।