मोरी और भी गाड़रें आंय, जौन ई गाड़रन के बाड़े की नईंयां, मोय उन हां भी लाबो जरूरी आय, और बे मोरो एैरो लें हैं; तब उन कौ एकई झुण्ड और एकई गड़रिया हुईये।
बे हम में से निकले हते परन्त सांचई हम में के नईं हते; कायसे हमाए बीच के होते, तो हमाए संग्गै रैते, उन के निकल जाबे से पता पड़त आय कि बे हमाए बीच के न हते।
कि तोरे कामन हां, और पूरी मेहनत, और तोरो धीरज जानत आंव; और जौ भी कि तें बुरय लोगन हां नईं चाहत; और जौन अपने आप हां प्रेरित कहत आंय, पर हैं नईंयां, उन हां तेंने परख के लबरा पाओ।