जौन भांत उन मान्सन में लबरे आगमवकता हते ओई भांत तुम में सोई लबरे परचारक हुईयें, जौन नास करबेवारे पाखंड कौ उद्घाटन लुके लुके कर हैं, बे अपने ऊ मालक को जीने उन हां मोल लओ आय मैट दें हैं, और अपने आप हां भारी नास की गैराई में डार दें हैं।
बे लालच में आके लबरी बातें बना हैं और तुम हां अपने फायदा कौ कारन बना हैं, दण्ड़ कौ हुकम जो उन पे पेंला से हो चुको आय, और ऊके आबे में देर नईंयां, उन कौ नास झट्टई होबेवारो आय।