पर इब्राहीम ने कओ; हे पूत सुमरन कर, कि तें अपने जीयत में साजी बस्तें ले चुको आय, ऊंसई लाजर बुरई बस्तें: पर अब बो इते सान्ति पा रओ आय, और तें तड़प रओ आय।
अपने अधरम कौ फल उनईं हां मिल है, उन हां दिन दुपारी सुख विलास करबो साजो लगत आय; बे कलंक और दागी आंय, जब बे तुमाए संग्गै खात पियत आंय, तब अपनी कुदाऊं से प्रेम भोज करके भोग विलास करत आंय।
जे तुमाई प्रेम सभा में तुमाए संग्गै खात पियत आंय, और जैसे समुन्दर में चट्टान दबी रैत आय, ऊंसई अपने पेट के लाने कमाई करबेवारे रखनवारे आंय; जौन मानो बिना जल के बादरे घांई आंय, जिन हां बैहर उड़ा देत; और पतझड़ में जैसो पेड़ो हो जात, जैसे मर गओ होबै, और बे ऐसे आंय जैसे जड़ से पट गए होबें।
जैसे मजा मौज में रैके ऊ ने अपने हां बड़ो दिखाओ; ऊं सई दुख और पिरातो ऊहां दो; कायसे बा अपने मन में कैत आय, मैं रानी बनी बैठी आंव, मैं बिधवा नईंयां; मैं कभऊं परेसानी में नईं पड़ हों।