मैं तुम से सांची सांची कहत आंव, जौन मोरो बचन सुनके मोरे पठैबेवाले पे भरोसा करत आय, अनन्त जीवन ऊ को आय, और ऊ पे दण्ड कौ हुकुम नईं हुईये, परन्त बो मृत्यु से पार होकें जीवन में पिड़ चुको आय।
कायसे जब परमेसुर के ज्ञान अनसार संसार ने ज्ञान से परमेसुर हां न चीनो तो परमेसुर हां जौ साजो लगो, कि ई परचार की मूरखता द्वारा बिसवास करबेवारन हां तरन तारन देबे।
मैं कमजोर मान्सन के लाने कमजोर बन गओ, कि कमजोर जन हां ऐंच लाओ, मैं सबरे मान्सन के लाने सबई कछु बनो आंव, कि कोऊ न कोऊ परकार से बिलात जनन कौ तरन तारन कराओं।
धन्न और पवित्तर बे आंय, जो पैले मरे में से जी उठे; ऐसों पै दूसरी मौत कौ अधकार नईयां, पर बे परमेसुर और ईसा मसीह के याजक हुईयें, और उनके संग्गै एक हजार बरस लौ राज कर हैं।