12 हे मोरे भईया हरौ, सब से साजी बात जा आय कि कौल न करियो; न सरग की, न संसार की, न कोऊ और बस्त की, पर तुमाई बात चीत हां की हां, और नईं की नईं होबै, जीसे तुम हां दण्ड न मिले।
जदि कोऊ भूखो होबे, तो अपने घर में खा लेबे, जीसे तुमाओ इकट्ठो होबो दांड़ कौ काज न होबे: बची कुची बातन हां मैं आके सुदार दै हों।
हे मोरे प्यारे भईया हरौ, धोखा न खाओ।
हे मोरे प्यारे भईया हरौ, जा बात तुम जानत आव: ई लाने सबरे मान्स सुनबे के लाने एकदम तईयार और बोलवे में धीरजवारे, और खुन्स में गम्म खाबेवारे होबें।
सब से ऊं ची बात जा आय कि एक दूजे से अधक से अधक प्रेम करो; कायसे प्रेम सबरे पापन हां ढांक देत आय।
प्यारे भईया, मोरी जा बिन्तवारी आय; जैसे तें हिये की बातन में बढ़ रओ आय, ऊं सई सबरी बातन में बढ़े, और भलो चंगौ बनो रैबे।