तुम अपने बाप शैतान से आव, और अपने बाप की मनकी बात हां पूरो करबो चाहत आव। बो तो शुरु से हत्यारो आय, और सत्य पे टिको नईं रओ, कायसे सत्य ऊ में हैई नईंयां: जब बो झूट बोलत आय, तो अपने गुन से बोलत आय; कायसे बो झूटो आय, और झूट कौ बाप आय।
परन्त मोय अपनी देयां में दूजे भांत की नेम व्यवस्था दिखात आय, जौन मोरी बुद्धि समज से लड़त आय, और मोय पाप अधर्म की नेम व्यवस्था के बन्धन में डालत आय जौन मोरे अंगों में आय।
सो अब अपनी देह की अभलाखा हां पूरो न करो, परतिरिया संगत करबे की अभलाखा और गन्दे काम, बुरय विचार, और दूसरन की बस्तन को लालच न करो, कायसे जे सब मूरत की पूजा जैसे आंय।
कायसे हम पेंला, मूरख और परमेसुर की अग्या न मानबेवाले, और दुबधा में हते, और भांत भांत की चाहना करत हते, और मजा मौज चाहत हते और अदावट धरें हते, और दूसरन को बुरओ सोचत हते, और बहुत घिना हते और दूसरन से बैर मानें हते।