हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो तुम पे श्राप! कायसे तुम मान्सन के विरोध में सरग के राज्य कौ द्वार बन्द कर देत आव, तुम न तो खुद जात आव और न जाबे वारन हां भीतर जान देत आव।
हे ढोंगी शास्त्रियो और फरीसियो तुम पे श्राप! कायसे दिखाबे के लाने देरी लों प्रार्थना करत भए भी तुम बिधवाओं के घरन हां खा जात आव, ई लाने तुम हां भारी दण्ड मिल है।
अन्ताकिया की मडण्ली में कछु आगमवक्ता और गुरू हते; जैसे बरनाबास और शमौन जो नीगर कहात आय; लूकियुस कुरेनी, और देस की चौथाई के राजा हेरोदेस कौ दूधभाई मनाहेम और शाऊ ल।
और परमेसुर ने मण्डली में अलग अलग मान्स राखे आंय; पेंला प्रेरित, दूजे अगमवकता, फिन गुरूजन, फिन अचरज के काम करबेवारे, फिन साजो करबेवारे, और भलाई करबेवारे, और मुखिया, और बिलात भांत की भाषा बोलबेवारे।
मैं सांची कैत आंव, ईमें तनकई झूठ नईयां, कि मैं ऐई के लाने परचारक और प्रेरित बनो, कि यहूदीयन हां छोड़ दूसरी जात वारन के बीच जाई सांची बात बताबेवारो होओं।
अपने गुरु जनों की मानो बे तुमाए जीवन हां तकें रैत आंय; कायसे बे परमेसुर हां तुमाए लाने लेखो दै हैं, बे जो काज खुसी से करें, बोझो न समझें, कायसे ऐसी सेवा से तुम हां कोई फायदा न हुईये।