17 हर एक साजो बरदान और हर एक साजे से साजे बरदान ऊ परै से आंय, और उजयारे के बाप कुदाऊं से मिलत आय, जौन न तो कभऊं बदलत आय, और न छाया के जैसो बदलबे वारो आय।
कायसे एक दूसरे में को अन्तर कर सकत आय? और तोरे ऐंगर का आए जौन तेंने दूसरे से न पाओ होबै: और जब तेंने दूसरे से पाओ आय, तो ऐसो घमण्ड काय करत आय, कि मानो नईं पाओ?