5 और पोथी में एक जांगा ऐसो सोई लिखो आय, कि बे सरग में जिते मैं रैत आंव उते न जै हैं।
और परमेसुर ने गुनसिया के कई, कि तुम मोरे आराम की जांगा में न जा पाहौ।
जीने बिसवास धरो, बे विश्राम में पोंचे; जैसो पोथी में लिखो आय, कि परमेसुर ने उन मान्सन से गुन्सया के कई कि तुम मोरे आराम की जांगा में न पहुंच हौ।