तब पौलुस और बरनाबास ने जोर देके कई, जौ जरूरी हतो, की परमेसुर कौ बोल पेंला से तुम हां सुनाओ जातो: पर ई लाने की तुम ऊ को नईं मानत आव, और अपने आपई हां अनन्त जीवन के लाने नईं ठहरात आव, तो हेरो, हम गैर यहूदियन की कोद जात आंय।
सो हम परमेसुर को धन्न मानत आंय; कि जब परमेसुर की बातें तुम ने सुनीं, तो तुम ने ऊहां मान्सन की नईं, परन्त परमेसुर की बातें लेखी (जा सांची आय) और अब तुमाए जीवन में दिखात आय।
उन पे जौ उजागर करो गओ, कि बे अपनी नोंई परन्त तुमाई सेवा के लाने जे बातें कओ करत हते, जी की खबर अब तुम हां उन से जौन सरग से पठैओ गओ: तुम हां भलो सन्देसो सुनाओ, और इन बातन हां सरगदूत सोई ध्यान से देखबे की मनसा राखत आंय।