कायसे इन लोगन कौ मन कठोर हो गओ आय, और बे अपने कानों से ऊं चो सुनत आंय और उन ने अपनी आंखन हां मूंद लओ आय; कहूं ऐसो न होए कि बे अपनी आंखन से हेरें, और कान से सुनबें और मन से समझें, और फिर जाबें, और मैं उन हां साजो कर हों।
पर जब कछु लोगन ने कड़ो होकें ऊ की नईं मानी और भीड़ के आंगू ई धरम हां भलो बुरो कहन लगे, तो बो चेलन हां लैके उन से अलग हो गओ, और तुरन्नुस की पाठशाला में रोजीना बतकाव करत रओ।