संभल के रहो, और जे बातें कहबेवारे की सुनो, जब मान्सन ने कैबेवारे की बात न मानी जौन सिय्योन पहरवा से बोलत हतो, तो का तुम उन की बात जौन सरग से बोलत आय बच पाहौ।
हमाए ऐंगर आगमवकतन कौ जौन बचन आय, बो ई घटना से पक्को ठैरो, तुम जौ साजो करत आव और जौ समज के ऊ पे ध्यान करत आव, कि जौ एक दीया आय जौन अन्धयारी जांगा में ऊ टैम लौ जोत देत रैत आय, जब लौ भुन्सारो न हो जाबै और भुन्सारे कौ तारा तुमाए हियन में न चमक उठे।
तुम हां सबरी बातें एक बेर बताई आंय, परन्त फिन के बताओ चाहत आंव, कि परमेसुर ने एक बिरादरी के लोगन हां मिश्र देस से छुड़ाओ, परन्त जिन ने उनकी नईं मानी उन हां मार डालो।