भोजन पेट के लाने और पेट भोजन के लाने आय, परन्त परमेसुर ईहां और ऊहां दोईयन हां नास कर है, परन्त देयां बुरए काम हां नईं, परन्त पिरभु के लाने आय; और पिरभु देयां के लाने आय।
जे तुमाई प्रेम सभा में तुमाए संग्गै खात पियत आंय, और जैसे समुन्दर में चट्टान दबी रैत आय, ऊंसई अपने पेट के लाने कमाई करबेवारे रखनवारे आंय; जौन मानो बिना जल के बादरे घांई आंय, जिन हां बैहर उड़ा देत; और पतझड़ में जैसो पेड़ो हो जात, जैसे मर गओ होबै, और बे ऐसे आंय जैसे जड़ से पट गए होबें।
प्यारे जनो, मैंने जब तुम हां मुक्ति जौन हम सबन हां मिली ईके बारे में खुलके लिखो, तो मैंने सोची के जिन बातन पै तुमने बिसवास करो आय खुल के लिखो, कि तुम ऊ बिसवास की बातन हां मानो।