“हे मोरे मोंड़ा सुलैमान! तें अपने बाप के यहोवा परमेसुर कौ ध्यान रख, और खरे हिया और खुसी सें ऊकी सेवा करत रै; कायसे यहोवा परमेसुर हिया हों जांचत और बिचार में जो कछु पैदा होत आय ऊहों समझत आय। जदि तें ऊकी खोज में रए, तौ ऊ तोहों मिलहै; परन्त तें ऊहों छोड़ दैहै तौ ऊ हमेसा के लाने तोहों छोड़ दैहै।
जब तुम उपास करौ, तो कपटियन घांई तुमाए मों पे उदासी नईं दिखै, कायसे बे अपनो मों बनाए रहत आंय, जीसे मान्स उन हां उपासो जानें; मैं तुम से सांची कहत आंव, कि बे अपनो फल पा चुके।
जब तें बिन्तवाई करे, तो कपटियों जैसो न बन कायसे मान्सन हां दिखाबे के लाने सभाघरन और गैलों के मोड़ पे ठांड़े होकें बिन्तवाई करबो उन हां उमदा लगत आय; मैं तुम से सांची कैत आंव, कि बे अपनो फल पा चुके।
पर अपने बैरियन से प्रेम राखौ, और भलाई करौ: और फिन वापस पाबे की आस न राख के उधार देओ; तो तुमाए लाने बड़ो इनाम हुईये: और तुम परम परधान के बालबच्चा ठैर हौ, कायसे बो उन पे जो धन्नवाद नईं करत और बुरए जन पे सोई दया करत आय।
परन्त जो डरपोकों, और बिसवास नईं करबेवारे, और मलिच्छ, और हत्यारे, और परतिरिया संगत करबेवारो, और टोना टोटका करबेवारो, और मूरत हां पूजबेवारो, और सब झूठ कौ भाग ऊ झील में मिल है, जो आग और गंधक से जलत रैत आय: जा दूसरी मौत आय।