2 जौन जनें बलदान चढ़ात हते उन के पाप छिमा हो जाते, तो फिन बलदान चढ़ाबे कौ काम नईं होतो, कायसे उनको जी उन हां पापी न कैतो।
(फिन बो ऐसो कैत आय) कि उन के बुरय कामन हां, और उन के पापन हां कभऊं याद न कर हों।
कायसे जदि कोई परमेसुर कौ बिचार कर के अन्याय से पीड़ा उठात भओ दुख सहत आय, तो जौ बिलात नोंनो आय।