9 ऊ कबूतरी हों अपने गोड़े टेकबे के लाने कछु भी आधार नें मिलो, तब बा ऊके लिगां जहाज में लौट आई: कायसे पूरी पृथ्वी के ऊपर पानूं ही पानूं फैलो हतो। तब ऊने हाथ बढ़ाकें ऊहों अपने जहाज में बापस लै लओ।
तब सात दिना लौ रुककें, ऊने ओई कबूतरी हों जहाज में सें फिन उड़ा दओ;
फिन ऊने अपने लिगां सें एक कबूतरी हों भी उड़ा दओ कि हेरें कि पानूं धरती पै सें घट गओ कि नईं।
हे सब थके हारे और बोझा से दबे लोगो, मोरे ऐंगर आओ; मैं तुम हां मुक्ति दै हों।
जे बातें मैंने तुम से ई लाने कई आंय, कि तुम मोय में सान्ति पाओ; संसार में तुम हां दुख होत आय, परन्त हिम्मत बांधो, मैंने जगत हां जीत लओ आय।