5 पानूं दसवें मईना लौ घटत चलो गओ, और दसवें मईना के पैले दिना हों पहड़वों की टुनईं दिखाई दईं।
जब नूह की उमर के छै सौ साल के दूसरे मईना कौ सत्रहवों दिना आओ; ओई दिना बेजा गैरे समंदर के सबरे सोता फूट कड़े और आकास के झरोखा खुल गए।
और एक सौ पचास दिना के बाद पानूं पृथ्वी पै सें लगातार घटन लगो।
सातवें मईना के सत्रहवें दिना हों, जहाज अरारात नाओं पहड़वा पै टिक गओ।
फिन एैसो भओ कि चालीस दिना के बाद नूह ने अपने बनाए भए जहाज की खिड़की हों खोलकें,