23 का मान्स, का पसु, का रेंगबेवारे जन्तु, का आकास के पक्छी, जो जो जमीन पै हते सबरे पृथ्वी पै सें मिट गए; केवल नूह, और जितेक ऊके संगै जहाज में हते, बेई जीयत बच गए।
बिसवास धर के नूह ने जौन बात ऊ बेरा न दिखात हती, जब कहो गओ तो साजे मन से अपने घर के लोगन हां बचाबे हां एक बड़ी नाव बनाई, और संसार के दूसरे जनों पै न्याय आ गओ और बे डूब मरे; और नूह हां अपने बिसवास से आसीस मिली।
जिन ने ऊ बीती बेरा में हुकम न मानो जब परमेसुर नूह के दिना में धीरज धर ठैरो रओ, और जहाज बन रओ हतो, जीमें बैठ के तनक जने, जाने कि आठ प्रानी पानू से बच गए।