फिन उनोंरन ने कई, “आओ, हम एक नगर और एक गुम्मट बना लें, जीकी चोटी आकास सें बातें करे, ई तरहां सें हम अपनो नाओं करें, एैसो नें होए कि हमें पूरी पृथ्वी पै फैलने पड़ै।”
फिन यहोवा परमेसुर ने कई, “मान्स अच्छे बुरए कौ ज्ञान पाकें हम में सें एक के जैसो हो गओ आय: ई लाने अब एैसो नें होए कि ऊ हाथ बढ़ाकें जीवन के पेड़ कौ फल भी तोड़कें खा ले और सदा लौ जियत रए।”