54 और यूसुफ के कैबे के अनसार सात सालों के लाने अकाल सुरू हो गओ। सबरे देसों में अकाल पड़न लगो, परन्त पूरे मिस्र में अन्न हतो।
फिन उनके पाछें मरियल और बेड़ौल गईयां कड़ीं, और जो सात छूंछी और पुरवाई सें मुरझाई भईं बालें कड़ीं, बे आकाल के सात साल हुईयें।
ऊके बाद सात साल अकाल के आहें, और पूरे मिस्र देस में मान्सन ई पूरी उपज हों बिसर जैहें; और अकाल सें देस नास हुईये।
मिस्र देस के अच्छे सात साल पूरे हो गए;
फिन ऊने कई, “मैंने सुनो आय कि मिस्र में अन्न आय; ई लाने तुमोंरें उतै जाकें हमाए लाने अन्न खरीदकें ल्याओ, जीसें हम नें मरें, बल्कि जियत रएं।”
देस में अकाल और भी भयंकर होत गओ।
आकाल के जो पांच साल और हुईयें; उनमें मैं इतईं तोरी देखभाल करहों; एैसो नें होए कि तें और तोरो घराना, बल्कि जितेक तोरे आंय, बे भूखों मरें।’
ऊ पूरे देस में खाबे हों कछु नें रओ; कायसे अकाल बिलात बड़ो हतो, और अकाल के कारन मिस्र और कनान दोई देस परेसान हो गए।
तब मिसर और सबरे कनान में आकाल पड़ो; जी से भारी परेसानी भई, और हमाए बापदादों हां नांज नईं मिलत हतो।