2 तब राजा फिरौन ने अपने दोई हाकमों, मतलब पिलाबेवारों के परधान और पकाबेवारों के परधान पै गुस्सा होकें,
इन बातों के बाद एैसो भओ, कि मिस्र के राजा के पिलाबेवारे और पकाबेवारे ने अपने मालक के बिरुद्ध कछु अपराध करो।
पिलाबेवारों के परधान हों तौ पिलाबेवारे की जागां पै फिन सें रख दओ, और ऊ फिरौन के हाथ में कटोरो दैन लगो।
फिन भी पिलाबेवारों के परधान ने यूसुफ हों याद नें रखो; परन्त ऊहों भूल गओ।
जब फिरौन अपने सेवकों सें गुस्सा भओ हतो, और मोहों और पकाबेवारों के परधान हों कैद कराकें अंगरक्छकों के परधान के घर के जेलखाने में डाल दओ हतो;
दाख की बारियों कौ अधकारी रामाई शिमी और दाख की बारियों की उपज जौन दाखमधु के भण्डारों में धरबे के लाने हती, ऊकौ अधकारी शापामी जब्दी हतो।
बो सूर और सैदा के लोगन से बिलात गुस्सा हतो; बे एक मन होकें ऊके ऐंगर आए और राजमहल के हाकिम बलास्तुस हां मनाके मेल करबो चाहो; कायसे राजा के देस से उन के देस की रोटी चलत हती।