2 ऊने कई, “सुन, मैं तौ बूढ़ो हो गओ आंव, और नईं जानत कि मोरी मौत कौ दिना कब हुईये।
ई लाने अब तें अपनो तरकस और धनुस बगैरह हथयार लैकें मैंदना में जा, और मोरे लाने सिकार करके ल्या।
जब इस्राएल के मरबे कौ दिना लिगां आ गओ, तब ऊने अपने मोंड़ा यूसुफ हों टेरकें कई, “जदि तोरी किरपा मोए पै होए, तौ अपनो हाथ मोरी जांघ के खालें रखकें कौल खा कि तें मोरे संगै किरपा और सच्चाई कौ जौ काम करहै कि मोहों मिस्र में माटी नें दैहै।
तब इस्राएल ने यूसुफ सें कई, “हेर, मैं तौ मरबे पै आंव; परन्त यहोवा परमेसुर तुमोंरों के संगै रैहै, और तुम हों तुमाए पुरखन के देस में फिन पोंचा दैहै।
ईसे जागत रऔ; कायसे तुम नईं जानत कि घर कौ मालक कबै आ है, दिन डूबत कि आधी रात के, या मुर्गा के बांग देबे की बेरा या भोर में।
और जौ नईं जानत किकल का हुईये; तनक सुन लईयो, तुमाओ जीवन हैई का? तुम तो पानू की भाप जैसे आव, जौन तनक देर हां दिखात आय, फिन गायब हो जात आय।