तब आदम ने सब जाति के घरेलू पसुओं, और आकास के पक्छियों, और सब जाति के बनैले पसुओं के नाओं रखे; परन्त आदम के लाने एैसो साथी नें मिलो जो ऊसें मेल खा सके।
और जदि कोऊ जौ समजे, कि मैं अपनी ऊ कुंआरी कौ हक्क मार रओ आंव, जी की जवानी ढल रई आय, और ऊ सोचे कि ऊकौ ब्याओ होबो चईये, तो जैसो चाए, ऊंसो कर, ईमें पाप नईंयां, बो ऊकौ ब्याओ होन देबे।
ऊंसई हे मन्सेलू हरौ, तुम सोई समजदारी से बईयरन के संग्गै जीवन बिताओ और बईयर हां अबला जान के ऊकौ मान करौ, और जौ समज के, कि तुम दोई जीवन के बरदान के हक्कदार आव, जीसे तुमाई बिन्तवाई रुक न जाबै।