3 परन्त ऊने बहुतई बिनती करके उनहों मनाओ; ई लाने बे ऊके संगै चलकें ऊके घरै आए; और ऊने उनके लाने भोजन तईयार करो, और बिना खमीर की रोटियां बनाकें उनहों खिलाईं।
“हे मोरे स्वामियो, अपने दास के घरै पधारो, और रात भर आराम करियो, और अपने गोड़े धो लईयो, फिन भुन्सारे उठकें अपनी गैल हों चले जईयो।” उनोंरन ने कई, “नईं; हम चौगड्डा मेंई रात बिताहें।”