फिन यहोवा परमेसुर ने कई, “पृथ्वी सें हरी घांस, बीजवारे छोटे-छोटे पौधे और फलवारे पेड़ सोई जिनके बीज उनईं में एक-एक जाति के अनसार आंय, पृथ्वी पै ऊगें;” और बैसई हो गओ।
फिन यहोवा परमेसुर ने कई, “पृथ्वी सें एक-एक जाति के जियत प्रानी, मतलब घरेलू पसु, रेंगबेवारे जन्तु और पृथ्वी के बनपसु, जाति-जाति के अनसार पैदा होएं,” और बैसई हो गओ।