5 यहोवा परमेसुर ने उजयारे हों दिन और अंधयारे हों रात कई। तब संझा भई फिन भुन्सारो भओ। ई तरहां पैलो दिना हो गओ।
तब संझा भई फिन भुन्सारो भओ। ई तरहां तीसरो दिना हो गओ।
तब संझा भई फिन भुन्सारो भओ। ई तरहां चौथो दिना हो गओ।
तब संझा भई फिन भुन्सारो भओ। ई तरहां पांचवों दिन हो गओ।
तब यहोवा परमेसुर ने जो कछु बनाओ हतो सब हों हेरो, तौ का हेरो, कि बेजा नोंनो आय। तब संझा भई फिन भुन्सारो भओ। ई तरहां छटवों दिना हो गओ।
यहोवा परमेसुर ने ऊ अन्तर हों आकास कई। तब संझा भई फिन भुन्सारो भओ। ई तरहां दूसरो दिना हो गओ।
अब सें जब लौ पृथ्वी बनी रैहै, तब लौ बोबे और काटबे की बेरा, जाड़े और गरमी, धूप की बेरा और ठंड की बेरा, दिन और रात, लगातार होत रैहें।”
तो सबरे जन कौ काम उजागर हो जै है, कायसे ऊ दिना पता पड़ है; और बो आगी से उजागर हुईये: और आगी ई सबरे मान्सन कौ काम परख है।
जी बातन और कामन हां हटको जाबै बे सबरे जोत से परगट होत आंय, कायसे जौन सब कछु परगट करत आय बो जोत आय।
कायसे तुम सबरे जनें उजयारो पाय, और दिन के बच्चा आव, तुम न तो रात के, और न अंधियारेवारे आव।