16 तब यहोवा परमेसुर ने दो बड़ी ज्योतियां बनाईं; उनमें सें बड़ी ज्योति हों दिन में राज करबे के लाने और छोटी हों रात में राज करबे के लाने बनाओ; और तारागण हों सोई बनाओ।
और बे ज्योतियां आकास के अन्तर में पृथ्वी पै उजयारा दैबेवारी भी ठैरें,” और बैसई हो गओ।
ऊ दिना की पीड़ा के तुरतईं बाद सूरज अन्धयारो हो जै है, और चांद अपनो उजयारो न दै है, और आकास के तारे गिर पड़ हैं, और आकास की सक्तियां हिलाई जै हैं।
दुपरिया से लैके तीन बजे लेओ सबरे देश में अन्धयारो छाओ रहो।
सूरज कौ तेज और आय, चांद कौ तेज और आय, और तारागणों कौ तेज और आय, (कायसे कि एक तारे से दूसरे तारे के तेज में अन्तर आय)।
और ऊ नगर में सूरज और चन्दा के उजयारे की जरुरत नईंयां, कायसे परमेसुर के तेज से उते उजयारो हतो, और मेमना उते की ज्योत हतो।