फरीसी ठांड़ो होकें अपने हिये में जौ बिन्तवाई करन लगो, कि हे परमेसुर मैं तोरो धन्नवाद करत आंव, कि मैं और मान्सन घांई अन्धेर करबेवारो, अन्यायी और परत्रिया भोगी नईंयां, और न ई चुंगी लेबेवारे के घांई आंव।
कायसे इन दिनन से पेंला थियूदास जौ कहत भओ उठो, कि मैं सोई कछु आंव; और कोऊ चार सौ मान्स ऊके संग्गै हो लए, और बो मारो गओ; और जितेक मान्स ऊहां मानत हते, सब तितर बितर भए और मिट गए।
कायसे मैं ऊ दया किरपा के काजें जौन मोय पै भई आय, तुम सबरन से कैत आंव, कि जैसो समजो चईये, ऊसे बढ़ के कोई अपने हां न समजे परन्त जैसो परमेसुर ने सबई हां योग्यता अनसार बिसवास दओ आय, ऊंसई सई सोच बिचार के संग्गै अपने हां समजे।
और जदि मैं अगमवानी कर सकों, और सब भेदों और ज्ञान को समजों, और मोय इते लौ पक्को बिसवास होबे, कि मैं पहारवन हां हटा देओं, परन्त प्रेम न धरों, तो मैं कछु लौ नईंयां।
मैं मूरख तो बनो, अकेले तुम ने मोसे जौ जबरई करवाओ: तुम हां तो मोरी बड़वाई करो चईये, कायसे मानो में कछु नईंयां, अकेले उन सब बड़े बड़े प्रेरितन से कोई बात में घट नईंयां।
जौन जनें कछु बड़े समझे जात हते (बे चाए जैसे हते, मोहां ईसे काम नईंयां, परमेसुर कोऊ न्यारी बातें नईं करत) उन से जौन कछु समझे जात हते, मोहां कछु नईं मिलो।
और जब उन ने बा दया हां जौन मोय पे भई जान लओ, तो याकूब, कैफा और यूहन्ना ने जौन मण्डली के खम्भा कहात हते, मोहां और बरनबास हां सूदो हाथ मिला के हम हां संग्गै कर लओ, कि हम अन्य जातियन लौ जाबें, और बे औरें खतना वारन लौ।