तुम एक दूजे से न्यारे होकें न रओ; परन्त कछु बेरा लौ आपस की राजी खुसी से कि बिन्तवाई के लाने कछु टैम मिले, और फिन एक संग्गै रओ, ऐसो न होबै, कि तुमाए न्यारे होकें रैबे से शैतान छलिया तुम हां परखे।
सो भईया हरौ, हम तुम से कैत आंय, और पिरभू के नाओं से तुम हां समझात आंय, जैसो तुमने तको आय, कि हम जैसो बे चाहत आंय, और जीसे खुस होत आय, ऊंसई रैत आंय, तुम सोई ऊंसई चलत आव सो अच्छे से आगे चलत चलो।
पर मसीह हां पिरभु जान के अपने अपने मन में पवित्तर समजो, और जौन कोई तुम से तुमाई आसा के बारे में कछु पूंछे, तो ऊ ए जवाब देबे के लाने हमेसा तईयार रओ, पर नरमता और डर के संग्गै।
कोऊ अपने भईया हां ऐसो पाप करत तकै, जी पाप से नरक कुण्ड हां नईं जात तो ऊहां परलोक मिल है, कायसे पाप ऐसो सोई होत आय जीसे परलोक नईं मिलत, ऐसे पाप के लाने बिन्तवारी करबे हां मैं नईं कैत।