16 तो का सांची कैबे से मैं तुमाओ बैरी बन गओ।
जगत तुम से बैर नईं कर सकत, परन्त मोसे करत आय, कायसे मैं ई बात की सीख देत आंव, कि उन के काज बुरय आंय।
मैं सांची बोलत आंव, ई लाने तुम मोरो भरोसा नईं करत।
अकेले मोहां लगो, कि बे बचन की बातन में सूदे नईं चलत, तो मैंने सबरन के सामूं कैफा से कहो, कि तें यहूदी होकें अन्य जातियन घांई चलत आय, और यहूदियन जैसो नईं तो तुम अन्य जातियन हां यहूदियन जैसो चलबे हां काय कैत?
उनकी बातें हम ने एक घड़ी भर नईं मानी, कि बचन की सच्चाई तुम में बनी रए।
अब बा खुसी कां गई? मोहां पता आय, कि हो सकत, तो तुम अपनी आंखें सोई निकाल के मोहां दे देते।
बे तुम हां मित्र तो बनाओ चाहत आंय, पर अच्छे मन से नईं; सांची जा आय कि बे तुमहां न्यारो करो चाहत आंय, कि तुमई उन हां मित्र बना लेओ।
तुम तो बढ़िया दौड़ रय हते, फिन कीने तुम हां बिलोर दओ, कि सांची बातन हां न मानो।