मोहां बेर बेर यात्रा में; नदियों की परेसानी में; भड़यों के जोखम में; अपने जात बिरादरी वारन से परेसानी में; दूसरे बिरादरी वारन से परेसानी में; शहरन की परेसानी में; जंगल की परेसानी में; समद्र की परेसानी में; नकली भईयन से परेसानी में।
पर जौन मान्स स्वतन्त्रता की सिद्ध नैम व्यवस्था पे ध्यान करत रैत आय, बो अपने काम में ई लाने आसीष पा है कि बो सुन के बिसरत नईं, परन्त वैसई काम सोई करत आय।
कायसे कछु जनें चुपके से हमाए संग्गै जुड़ गए आंय, जिन हां पैले से लिखो आय कि उन हां दण्ड दओ जाबै, कायसे बे सच्चे नईयां, और परमेसुर की दया हां छोड़ बुरय कामन में लगे रैत आंय, और हमाए महाबली मालक और पिरभु यीशु मसीह हां नईं मानत।