31 कि पूरीम के उन दिनन के खास ठैराए भए समयों में मोर्दकै यहूदी और एस्तेर रानी के हुकम अनसार, और जो यहूदियन ने अपने और अपनी संतान के लाने ठान लओ हतो, ऊके अनसार सोई उपास और बिलाप करे जाबें।
“तें जाकें शूशन के सब यहूदियन हों इकट्ठो कर, और तुमोंरें मिलकें मोरे लाने उपास करौ, तीन दिन रात नें तौ कछु खाओ, और नें कछु पीओ। मैं सोई अपनी सखियन समेंत ऐई तरहां उपास करहों; और एैसई दसा में मैं नियम के बिरूद्ध राजा के लिगां भीतर जैहों; और जदि नास हो गई तौ हो गई।”
एक एक प्रान्त में, जितै जितै राजा कौ हुकम और नियम पोंचो, उतै उतै यहूदी बड़ो बिलाप करबे और उपास करबे और रोबे पीटबे लगे; बल्कि बिलात जनें टाट पैरें और राख डालें भए पड़े रए।