तब इसहाक ने बेजा थरथर कांपत भए कई, “फिन ऊ को हतो जो सिकार करके मोरे लिगां ल्याओ हतो, और मैंने तोरे आबे के पैलां सबई में सें कछु कछु खा लओ और ऊहों आसीरवाद दओ? अब ऊहों आसीस लगी भी रैहै।”
कायसे मैं और मोरी जात के लोग बेच डाले गए आंय, और हम सब मरबे और नास करे जाबेवारे आंय। जदि हम अकेले दास-दासी हो जाबे के लाने बेच डाले जाते, तौ मैं चुप रैती; चाए ऊ दसा में ऊ बिरोदी, राजा के नुकसान की बरोबरी नें कर सकतो।”