राजा ने पूंछो, “आंगन में को आय?” ओई बेरा हामान राजा के भवन सें बायरें आंगन में ई मनसा सें आओ हतो कि जौन खम्भा ऊने मोर्दकै के लाने तईयार कराओ हतो, ऊपै ऊहों लटका देबे की चरचा राजा सें करे।
जब हामान भीतर आओ, तब राजा ने ऊसें पूंछो, “जौन मान्स कौ मान राजा करबो चाहत होबै तौ ऊके लाने का करबो ठीक हुईयै?” हामान ने जा सोचकें, कि मोय सें अधक राजा कौन कौ मान करबो चाहत हुईयै,