ऊकी बईयर जेरेश और ऊके सब दोस्तन ने ऊसें कई, “पचास हाथ ऊंचो फांसी कौ एक खम्बा बनाओ जाए, और भुंसारे राजा सें कईयो कि ऊपै मोर्दकै हों लटका दओ जाए; तब राजा के संगै खुसी सें भोज में जईयो।” ई बात सें खुस होकें हामान ने ऊंसई फांसी कौ एक खम्बा बनवाओ।
कि जदि राजा मोय सें खुस आय और मोरी बिन्तवाई सुनबो और जौन मैं मांगों ओई देबौ राजा हों भाए, तौ राजा और हामान भ्याने ऊ भोज में आबें जीहों उनके लाने करहों, और भ्याने में राजा के ई बचन अनसार करहों।”