2 राजा के सब करमचारी जो राजभवन के फाटक पै रैत हते, बे हामान के सामूं झुककें परनाम करत हते कायसे राजा ने ऊके बारे में ऐसो हुकम दओ हतो; परन्त मोर्दकै नें तौ झुकत हतो और नें ऊको परनाम करत हतो।
और ऊहों अपने दूसरे रथ पै चढ़वाओ; और मान्सन ऊके आंगू-आंगू जा मुनादी करत चले कि “घुटनें टेककें दंडवत करो”, और ऊने ऊहों मिस्र के पूरे देस के ऊपर परधान अधकारी ठैराओ।
उनईं दिनन में जब मोर्दकै राजभवन के फाटक में बैठो करत हतो, तब राजा के खोजे जौन ऊके रक्छक सोई हते, उन में सें बिकतान और तेरेस नाओं दो जनों नें राजा क्षयर्ष सें रूठकें ऊपै हाथ चलाबे की जुगत करी।
ई बातन के पाछें राजा क्षयर्ष ने अगागी हम्मदाता के मोंड़ा हामान हों ऊंचो पद दओ, और ऊकौ मान देकें ऊके लाने ऊके साथी हाकिमन के सिंहासनों सें ऊंचो सिंहासन ठैराओ।
ऊ दिना हामान मगन और हिया में खुस होकें बायरें गओ। परन्त जब ऊने मोर्दकै हों राजभवन के फाटक में हेरो, कि ऊ नें तौ ऊके सामूं ठांड़ो भओ, और नें हटो, तब ऊ मोर्दकै के बिरूद्ध गुस्सा सें भर गओ।