ई बातन के पाछें राजा क्षयर्ष ने अगागी हम्मदाता के मोंड़ा हामान हों ऊंचो पद दओ, और ऊकौ मान देकें ऊके लाने ऊके साथी हाकिमन के सिंहासनों सें ऊंचो सिंहासन ठैराओ।
जदि राजा ईहों मानै तौ उनहों नास करबे कौ हुकम लिखो जाए, और मैं राजा के भंडारियन के हाथ में राजभंडार में पोंचाबे के लाने, दस हजार किक्कार (आठ हजार पांच सौ मन) चांदी दैहों।”
सो तुम अपनी समझ के अनसार राजा के नाओं सें यहूदियन के नाओं पै चिठिया लिखौ, और राजा की मुंदरी की छाप सोई लगाओ; कायसे जो चिठिया राजा के नाओं सें लिखी जाबै, और ऊपै ऊकी मुंदरी की छाप लगाई जाबै, ऊहों कोई भी पलट नईं सकत।”