22 जा बात मोर्दकै हों पता चली, और ऊने एस्तेर रानी हों जा बात बताई, और एस्तेर ने मोर्दकै कौ नाओं लैकें राजा होंं चितौनी दई।
तब राजा के सामूं हाजिर रैबेवारे खोजों में सें हर्वोना नाओं एक ने राजा सें कई, “हामान के इतै पचास हाथ ऊंचो फांसी कौ एक खम्भा ठांड़ो आय, जौन ऊने मोर्दकै के लाने बनवाओ आय, जीने राजा की इच्छा करी हती।” राजा ने कई, “ईहों ओई पै लटका देओ।”
आहा! परमेसुर कौ धन और समज बड़ी गैरी आय! ऊकौ सोचबो कि उनकी थाह न मिले, और ऊ की गैल कौ बयान नईं हो सकत।
अपने भले की नईं सोचो, परन्त दूसरन के भले की सोचो।