उनईं दिनन में जब मोर्दकै राजभवन के फाटक में बैठो करत हतो, तब राजा के खोजे जौन ऊके रक्छक सोई हते, उन में सें बिकतान और तेरेस नाओं दो जनों नें राजा क्षयर्ष सें रूठकें ऊपै हाथ चलाबे की जुगत करी।
ऊ दिना हामान मगन और हिया में खुस होकें बायरें गओ। परन्त जब ऊने मोर्दकै हों राजभवन के फाटक में हेरो, कि ऊ नें तौ ऊके सामूं ठांड़ो भओ, और नें हटो, तब ऊ मोर्दकै के बिरूद्ध गुस्सा सें भर गओ।